सूडान की राजधानी खार्तूम में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हमले में 70 से ज्यादा रेप के मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों का दावा है कि अर्धसैन्य बलों के जवानों ने हमले के बाद कई महिला प्रदर्शनकारियों के साथ रेप को अंजाम दिया.

सोमवार को हुए अर्ध सैन्य बलों के हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि 700 लोगों के घायल होने की खबरें हैं. डॉक्टरों का ये भी दावा है कि कई प्रदर्शनकारियों की हत्या करके उनके शवों को नील नदी में फेंका जा रहा है.


सूडान में संचार पर प्रतिबंध के बावजूद अर्ध सैन्य बलों के जवानों द्वारा प्रदर्शनकारियों के रेप की खबरें सामने आ रही हैं. हालांकि, सूडान में किस हद तक यौन हिंसा हुई है, इसकी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है.

डॉक्टरों की केंद्रीय कमिटी से जुड़े एक डॉक्टर ने कहा कि खार्तूम के हॉस्पिटलों में हमले के बाद 70 से ज्यादा रेप के मामले दर्ज किए गए हैं. रॉयल केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने 8 रेप पीड़ितों का इलाज किया है जिसमें से पांच महिलाएं और तीन पुरुष शामिल है. खार्तूम के एक अन्य हॉस्पिटल के एक सूत्र ने बताया कि उनके पास दो रेप मामले आए हैं जिनमें से एक महिला पर चार पैरामिलिट्री के जवानों ने हमला किया था. कई गवाहों ने भी सोशल मीडिया पर ऐसे ही मामले शेयर किए हैं.

कई पीड़ित मेडिकल ट्रीटमेंट लेने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें सेना का डर है. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि यौन हिंसा की रिपोर्ट्स विश्वसनीय हैं.

सूडान में इस वक्त सेना का शासन है. 6 अप्रैल से ही प्रदर्शकारी सेना के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. 30 साल सत्ता में रहने के बाद सेना ने राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तापलट कर हटा दिया था जिसके बाद से ही प्रदर्शकारी सूडान की सत्ता को लेकर सेना के साथ समझौते की कोशिश कर रहे थे.

इससे पहले सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ था कि 3 साल बाद सूडान में चुनाव होंगे लेकिन अर्धसैनिक बलों ने सोमवार को प्रदर्शकारियों पर गोलियां चलाईं. मंगलवार को सेना ने कहा कि प्रदर्शकारियों के साथ समझौते की कोशिशें खत्म हो गई हैं और अब 9 महीने बाद चुनाव होंगे. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चुनाव के लिए लंबा वक्त मिलना चाहिए ताकि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकें और पिछली सरकार के राजनीतिक प्रभाव को खत्म किया जा सके.

सूडान में विपक्षी कार्यकर्ताओं ने देश की सैन्य परिषद के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. विपक्ष का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के हिंसक दमन के बाद उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

स्त्रोत : aajtak

https://aajtak.intoday.in/gallery/sudanese-doctors-say-dozens-of-people-raped-during-sit-in-attack-tstp-5-34688.html